
उन्हें खटिया की जरूरत पड़ी तो वे एक खटिया
माँगने गुप्ता जी के घर गये।
गुप्ता जी ने असमर्थता जताते हुए कहा - यार माफ करना, घर में सिर्फ दो ही खटिया है -
एक पर मैं और बेटा सोते हैं
और दूसरी पर मेरी पत्नि और बहूरानी।
तिवारी जी - यार खटिया न दो, कोई बात नहीं,
पर सोया तो ढंग से करो।
|


No comments:
Post a Comment